गुरुवार, फ़रवरी 26

सोमनाथ चटर्जी के बाद .............

आखिरकार लोकसभा के अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी कार्य काल समाप्त हो ही गया ....अपने पुराने दिनों को याद करते करते सोमनाथ जी यह कह गए की उन्हें आज भी याद है जब वो सांसद बने थे ,शायद यह बात उनको इसलिए याद आई क्योंकि ना तो वो अब उनकी वो पार्टी उनकी है जिसका जन्म उनके सामने हुआ था और ना ही वो वक्त जब वो वाम पंथियों पसंददीदा नेता माने जाते थे ,कई बसंत देखने वाले सोमनाथ की हालत लोकसभा में क्या रही यह तो वक्त ही बतायगा ,लेकिन गौरतलब बात यह रही की उन्होंने जाते जाते क्या कह दिया -उन्होंने कह दिया की संसद और नोट काण्ड उनकी जिंदगी की त्रासदी था ,सच में जब में नोटों को दिखाने सिलसिला चल रहा था सोचिये उस वक्त उनकी हालत क्या रही होगी .जब लोकतत्र का खुलेआम माखोल उड़ रहा था ,हकीकत है उस वक्त सोमनाथ का वो दर्द दिखता है जो वो कई वर्षो तक और शायद कभी जुदा नहीं हो पायेगा , लेकिन सोमनाथ का भविष्य अब क्या है यह एक सवाल है .जिस पार्टी को उन्होंने जन्म दिया वो अब खुद आगे आ रही है ,वो साफ़ कर चुकी है की सोमनाथ अब पार्टी में नहीं आ सकते ,यह बात सोमनाथ की आँखों में आंसुओं के ताकीर बड़ा दे लेकिन हमें सम्मान करना चाहिए उस व्यक्ति का जो लोकतत्र के सम्मान में हर वक्ता खडा चीखता रहा .वो कहता रहा की यह मर्यादा के खिलाफ है ,यह भी हकीकत है की सोमनाथ शायद अब राजनीति में दुबारा ना दिखे .लेकिन उन्हें मलाल इस बात का रहेगा की उनका कब लोक्त्तत्न्त्र की त्रासदी में तब्दील हो गया उन्हें भी शायद खुद पता नहीं.लेकिन कई सालो बाद वो नेता दिखा जो वक्त की करवटों से डरता नहीं बल्कि आगे बढता है वो बताता है की इंसान होना बड़ी बात बल्कि उसका सम्मान करना बड़ी बात है पांच साल सरकार चला देने भर के लिए सिद्धांतहीन राजनीति की आड़ ने पूरे देश को गन्दा कर दिया है ये एक टीसने वाला सवाल है कि इन हालात के लिए कौन जिम्मेदार है?जिन लोगों पर ये जिम्मेदारी थी कि पर देश में गिरने वाला खून वो अपनी अंजूरी में रोक लें, उन्होंने नफरत के तालाब बनाए, खून की नदियां बहाईं और उनमें अपनी सियासत की नावें दौड़ाईं। आज वक्त बदल रह है ,देश बदल रहा है

5 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है

हिन्दीवाणी ने कहा…

काफी अच्छा लिख रहे हैं। जारी रखें।

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत ही विचारणीय पोस्ट है।

रचना गौड़ ’भारती’ ने कहा…

ब्लोगिंग जगत मे आपका स्वागत है
शुभकामनाएं
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

narayan narayan