जबाब दे .......फ्रांस सरकार ...जवाब दे ,शायद कुछ ऐसे ही शब्द आपको न्यूज़ चैनल में देखने को ना मिले,क्योंकि यह हिन्दुस्तान है...इसका एक शर्मनाक उदाहरण नीचे पेश है ,अगर यह देखने के बाद भी आपको कोई असर नहीं पड़ता तो आप उस भीड़ के हिस्से है जो पहला भारतीय होने के बजाय सेकेण्ड हेंड अमेरिका होना ज्यादा पसंद करते है ....
यह वाक्या है ..14 जुलाई को फ्रांस में नेशनल डे परेड का जहा रिहर्सल के दौरान फ्रांसीसी सेना के एक जवान ने भारतीय झंडे के एक कोने को अपने बूट के तले दबा रखा है। ,सवाल यह उठता है की एक झंडा एक राष्ट्र के स्वाभिमान का प्रतीक होता है ....और ऐसी सूरत में भारतीय ध्वज को विदेशी धरती पर इस तरीके से अपमान करते हुए भी अगर आपका स्वाभिमान नहीं जागता है ..तो ज़रा सोचिये
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3 टिप्पणियाँ:
तिरंगे के अपमान पर सरकार से अवश्य जवाब मांगना चाहिए. मनमोहन सिंह वहां मुख्य अतिथि थे. भले ही यह घटना पूर्वाभ्यास के दौरान हुई हो लेकिन वहां भारतीय दल का कोई न कोई सदस्य तो जरूर ही रहा होगा . उसने आपत्ति क्यों नहीं की???
हमें तो ऐसा प्रतीत नहीं होता की उस सिपाही ने अपने बूट के तले झंडे को दबाया हो. यदि दबाया गया होता तो झंडा वहां टेढा हो जाता. उस सिपाही के दाहिने बूट और झंडे के बीच खाली जगह भी है. हो सकता है की हमारा दृष्टि भ्रम हो
झंडे को नहीं बल्कि उसकी डोरी को जबा रखा है। मेरे विचार में तो इस बार भारतीय सैनिकों को वहां बुलाकर भारत का सम्मान ही बढ़ाया गया है। इस तरह की फालतू की फोटे बहले भी कई तरह की इंटरनेट पर आती रही हैं। इन पर ध्यान न देकर पूरे परिपेक्ष को देखिये कि भारत की सम्मान हुआ या नहीं।
मनीषा
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