शुक्रवार, मार्च 6
अब वो कभी नहीं भागेंगे मुझे मारने के लिए..........
कल रात मेरी जिंदगी की सबसे खतरनाक रात रही ,जिसने कई दर्द ना सिर्फ मुझे बल्कि मेरे पुरे परिवार को दे दिए,रात के 12.20 बज रहे थे अपने ऑफिस से रोजमर्रा की तरह मैं निकल पड़ा घर के लिए ,मै नामालूम दर्द से बेहद दूर .कल व्रत था इसीलिए घर पर आकर सबसे पहले खाना खाता हूँ गली में जेसे है कदम रखता हूँ ना जाने क्यों मम्मी को केसे पता लग जाता है,हा कल भी ऐसा ही हुआ था हर बार की तरह थका हारा जेसे ही घर में कदम रखा मां ने दरवाजा खोला दरवाजा खोलने से पहले ही मेने सवाल किया की खाने में क्या बनाया है,मम्मी ने कहा की पहले अन्दर तो चल,घर में जेसे ही घुसा तो अम्मा ने बुला दिया कहा की एक बार अपने बाबा को तो देख ले .मैं थका हारा था इसीलिए बेमन से कमरे के अन्दर चला गया.जाकर कमरे में बैठ गया,बाबा सर झुका कर नीचे की और बैठे हुए थे.अम्मा ने कहा की पता नहीं क्या होगया बाबा को बाबा को सांस की परेशानी होने के कारण बाबा एक गोली खाया करते थे कल भी ऐसा ही किया ,मुझे सच में नहीं पता था की तबियत और बिगड़ जायेगी ,मैंने कहा की ठीक हो जायेगी ,गोली खा लेंगे चिंता मत करो यह कह कर मैं अपने कमरे के अन्दर चल गया वहा व्रत का खाना खाया ,अभी मैंने पानी का गिलास नीचे रखा ही था की पता चला की बाबा का स्वर्गवास हो चुका है ,मैंने बाबा को पूरा चेक किया की कही कोई आस बाकी हो लेकिन नाकामी ने मेरे परिवार एक बड़ा सदस्य छीन लिया जो अब कभी वापस नहीं आएगा कभी नहीं मैं घर में बड़ा लड़का हूँ इसीलिए रोने का हक मुझे नहीं है शायद यह मेरी बदकिस्मती है ,सबसे बड़ा पोता होने के नाते में अपने बाबा का लाडला था जिन्होंने बचपन से लेकर अब तक मुझे बहुत प्यार दिया ,लेकिन कभी बोल नहीं पाए की वो मुझे कितना प्यार करते है,लेकिन मेरे पडोसी बताते है की मेरे पैदा होने पर आँखों में खुशियों के आंसुओं को लेकर सीने से छिपा लेने की आदत बन गई थी उनकी जिसके कंधे पर बैठकर मैंने झूला झूला , उसी शरीर को मैं अब कंधा दे रहा था, मैं बाबा के गालो को खीचकर हमेशा भाग जाया करता था उसके बाद वो मुझे मारने के लिए पीछे भागते थे,आज जब अर्थी को ले जाया जा रहा था मैं उनके गालों को खीच रहा था की शायद वो मुझे मारने के लिए भागे लेकिन बाबा नहीं उठे फिर अंत में एक प्यारा सा स्पर्स बाबा के गालो पर छोड़ दिया,,,क्योंकि बाबा अब कभी नहीं जागेंगे ,अब वो कभी नहीं भागेंगे मुझे मारने के लिए..........शायद मैं निर्दोष नही रह गया ..
लेबल:
शायद मैं निर्दोष नही
प्रस्तुतकर्ता
आशीष जैन
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2 टिप्पणियाँ:
very touchy.
muje apne bite din yaad aagaye.. jab mene bhi apne nanu se gusse me aakar baat nahi ki aur chidane ke liye, muh pher kar chali gayi.. ek ghante ke baad pata chala, voh ab nahi rahe..
aaj bhi pachhatawa hey uss bat ka..
ki mene kyun baat nahi ki...
bahut din baad kuch padh kar aankhe nam ho gayi....aur unka bahar na aa pana kanth me dard chod gaya.....
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